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स्त्री के व्यक्तित्व में चमकता हुआ आत्मविश्वास

  • Writer: ELA
    ELA
  • Aug 7
  • 2 min read

स्त्री के व्यक्तित्व में चमकता हुआ आत्मविश्वास

अक्सर उस पुरुष के स्नेह का भी प्रमाण होता है

जिसने उसके जीवन में अपने प्रेम की छाया डाली हो।

जब स्त्री निर्भय होकर मुस्कुराती है,तो उसके पीछे किसी न किसी पुरुष का अदृश्य सहारा होता है

चाहे वह उसके पिता का स्नेहमय संरक्षण हो,

पति की दृढ़ और विश्वसनीय साथ-यात्रा,

या फिर प्रेमी का वह कोमल स्पर्श

जो उसे विश्वास दिलाता है कि वह योग्य है,

सुंदर है, और प्रेम के हर रूप की हक़दार है।

स्त्री के भीतर जो शांति बसती है,

जो गरिमा उसके शब्दों में झलकती है,

जो विश्वास उसकी आँखों में ठहरता है

वह सब किसी ऐसे प्रेम से पोषित होता है

जिसने उसे टूटने से बचाया,

और अपने होने का अहसास

धीरे से, निरंतर, अनकहे ढंग से दिया।


अक्सर उस स्नेह का प्रतिबिंब होता है, जिसने उसके जीवन को भीतर से सहारा दिया है।जब कोई स्त्री निर्भय होकर मुस्कुराती है, तो उस मुस्कान के पीछे हमेशा कोई न कोई अदृश्य शक्ति खड़ी होती है—कभी पिता का सुरक्षा-दायक साया, कभी पति का दृढ़ और विश्वसनीय साथ, तो कभी प्रेमी का वह कोमल स्पर्श, जो उसे यह भरोसा दिलाता है कि वह योग्य है, सुंदर है और हर प्रेम की हक़दार है।

स्त्री के भीतर जो शांति बसती है, उसके शब्दों में जो गरिमा झलकती है, और आँखों में जो विश्वास ठहरता है—वह यूँ ही नहीं आता।वह उस प्रेम, उस सम्मान और उस अटूट भरोसे से पोषित होता है, जिसने उसे टूटने से संभाला,उसे उसकी कीमत याद दिलाई,और उसके अस्तित्व को अनकहे ढंग से मजबूत किया।

स्त्री का आत्मविश्वास सिर्फ उसका अपना नहीं होता—वह उन सभी रिश्तों की ऊष्मा का परिणाम होता है,जो उसे दुनिया का सामना करने की हिम्मत देते हैं।

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