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आदतें, संस्कृति और परिवर्तन का गहन विज्ञान

  • Writer: ELA
    ELA
  • 17 minutes ago
  • 2 min read

“आदतें, संस्कृति और परिवर्तन का गहन विज्ञान”

एक छोटे से गाँव में दो बहनें रहती थीं—समीरा और नंदिनी। दोनों एक ही घर और एक ही माहौल में पली-बढ़ी थीं, लेकिन दोनों की आदतें बिल्कुल अलग थीं। समीरा सुबह जल्दी उठती, काम समय पर करती और हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश करती। नंदिनी इसके उलट थी—देर से उठना, काम टालना और बहाने बनाना उसकी आदत थी।

एक दिन स्कूल में अध्यापिका ने बच्चों से पूछा, “क्या तुम्हें पता है, आपका भविष्य किससे बनता है?”सब बच्चों ने अलग-अलग जवाब दिए—किस्मत, पैसे, पढ़ाई। अध्यापिका मुस्कुराई और बोलीं,“भविष्य न किस्मत से बदलता है और न दूसरों की मदद से। भविष्य बदलता है आदतों से। छोटी-छोटी आदतें ही आपकी पहचान और आपकी संस्कृति बनाती हैं।”

समीरा ने इस बात को दिल से समझ लिया, लेकिन नंदिनी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।कुछ महीनों में समीरा की अच्छी आदतों ने उसे कक्षा में पहला स्थान दिलाया। घर में भी उसकी जिम्मेदारी और विनम्रता की खूब तारीफ़ होने लगी। उसकी माँ कहती, “यही हमारी असली संस्कृति है—समय का सम्मान, मेहनत और अच्छा व्यवहार।”

दूसरी तरफ, नंदिनी वही गलतियाँ दोहराती रही—पढ़ाई में कमजोर, काम अधूरे और हर दिन नई परेशानी।

एक शाम नंदिनी थककर समीरा से पूछ बैठी,“दीदी, ऐसा क्या है जो तुम्हें आगे बढ़ा रहा है और मुझे पीछे छोड़ रहा है?”

समीरा ने मुस्कुराते हुए कहा,“यह घर, किस्मत या दूसरों का फर्क नहीं है। फर्क सिर्फ आदतों में है। जो आदतें बनाओगी, वही तुम्हारा भविष्य बनाएँगी। आदतें बदले बिना जीवन नहीं बदलता।”

नंदिनी को बात समझ आ गई। उसने अगले दिन से एक छोटा कदम उठाया—सुबह जल्दी उठना। फिर धीरे-धीरे उसने पढ़ाई, समय पर काम और गलतियों को स्वीकार करने की आदत बना ली। कुछ ही महीनों में उसका भी जीवन बदलने लगा।

अब दोनों बहनें जीवन में आगे बढ़ रही थीं। समीरा ने नंदिनी से कहा,“संस्कृति कपड़ों या त्योहारों से नहीं बनती, बल्कि रोज़ की आदतों से बनती है। और परिवर्तन तब शुरू होता है, जब हम खुद बदलने का फैसला करते हैं।”

इस तरह दोनों ने साबित किया कि आदतों का छोटा सा परिवर्तन भी जीवन, सोच और संस्कृति—सब कुछ बदल सकता है।



“संस्कृति वह नहीं है जो तुम्हें विरासत में मिले; संस्कृति वह है जिसे तुम अपनी आदतों से हर दिन गढ़ते हो। और परिवर्तन तब होता है, जब तुम खुद बदलने का फैसला करते हो।”

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