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शौक से निकालिए नुख्स मेरे किरदार में..

"शौक से निकालिए नुख्स मेरे किरदार में.."

शौक से निकालिए नुख्स मेरे किरदार में, क्योंकि जो दिल से उतर चुके होते हैं, वो अक्सर बातें कमियाँ बनाकर किया करते हैं। मेरी अच्छाइयाँ शायद आपको दिखेंगी नहीं, क्योंकि नीयत अगर तिरछी हो तो आइना भी धुंधला लगता है। मैं कोई फरिश्ता नहीं, मगर इतना भी बुरा नहीं कि हर बात में कसौटी पर कसा जाऊँ। मैं जैसा हूँ, वैसा ही ठीक हूँ — और अगर आपको बुरा लगता है, तो शायद दिक्कत मेरी नहीं, आपकी सोच की है।


शौक से निकालिए नुख्स मेरे किरदार में..

आप नहीं होगें तो मुझे तराशेगा कौन..!!

शौक से निकालिए नुख्स मेरे किरदार में
शौक से निकालिए नुख्स मेरे किरदार में..
  1. "शौक से निकालिए नुख्स मेरे किरदार में,आप जैसे जज बहुत देखे हैं ज़माने में।"

  2. "शौक से निकालिए नुख्स मेरे किरदार में,जिसे जो कहना है, कह लेने दीजिए...किरदार वही लोग चमकाते हैं,जिनकी असलियत धुंधली होती है।"

  3. "मेरे किरदार में नुख्स निकालने वालों,पहले अपनी सोच का आईना साफ कर लो।"

  4. "कमियाँ तो हर इंसान में होती हैं,पर कुछ लोग दूसरों की खामियों सेअपनी पहचान बनाते हैं।"

  5. "शौक से निकालिए नुख्स मेरे किरदार में,कम से कम आपको भी कुछ काम तो मिलेगा!"

  6. "मुझे फर्क नहीं पड़ता कि कौन क्या कहता है,क्योंकि मेरी पहचान नुख्स से नहीं,मेरे हौसलों से बनी है।"

  7. "मेरे किरदार में जो भी कमी है,वो वक्त के साथ समझ आ जाएगी,बस नीयत साफ होनी चाहिए देखने की।"

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