प्रेम करने के बाद
- ELA
- 3 days ago
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"प्रेम करने के बाद अगर तुम्हें अपना परिवार बुरा लगने लगे, तो समझ जाना कि तुमने गलत साथी चुन लिया है।"क्योंकि सच्चा प्रेम कभी भी तुम्हें अपने अपनों से दूर नहीं करता, बल्कि उनके और करीब लाता है। जो रिश्ता तुम्हें अपने मूल से काट दे, तुम्हारी जड़ों पर सवाल उठाए, वो प्रेम नहीं भ्रम होता है। सही साथी वही होता है जो तुम्हारे परिवार को तुम्हारी तरह ही सम्मान दे, उन्हें अपनाए और रिश्तों में सेतु बनकर खड़ा रहे, दीवार बनकर नहीं। इसलिए अगर प्रेम के नाम पर तुम्हें अपने ही घरवालों से नफ़रत होने लगे, तो एक बार नहीं, सौ बार सोचो कि क्या वो वाकई प्रेम है या सिर्फ़ एक ग़लती।
प्रेम करने के बाद.।
तुम्हें अपना परिवार बुरा लगने लगे.।
तो समझ जाना तुमने गलत साथी चुन लिया..।।
After falling in love...
If you start disliking your family...
Then understand that you have chosen the wrong partner...

प्रेम करने के बाद.।
तुम्हें अपना परिवार बुरा लगने लगे.।
तो समझ जाना तुमने गलत साथी चुन लिया..।।
अगर प्रेम तुम्हें अपनों से दूर कर दे, तो वह प्रेम नहीं, एक छलावा है।
सच्चा साथी वो होता है जो तुम्हें परिवार से जोड़ता है, तोड़ता नहीं।
जो रिश्ता तुम्हें अपने घरवालों से नफ़रत करना सिखाए, वो रिश्ता नहीं, सजा है।
प्रेम वो नहीं जो अपनों को पराया कर दे, प्रेम वो है जो परायों को भी अपना बना दे।
जिस प्रेम में तुम्हारे रिश्ते कमजोर पड़ने लगें, समझो तुमने गलत इंसान को दिल दे दिया।
अगर तुम्हारा दिल बदलने के साथ तुम्हारा घर पराया लगने लगे, तो कुछ तो गलत है उस दिल में।
वो प्रेम नहीं जो घरवालों की इज़्ज़त करना न सिखा सके, वो बस एक भावनात्मक भ्रम है।
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