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पुरुष सुकून से सो पाया, जब स्त्री की छाँव मिली उसे.❣स्त्री समझ नहीं सकी, की पुरुष नींद का नहीं, सुकून का भूखा है..❣❣

  • Writer: ELA
    ELA
  • May 19
  • 1 min read

यह एक गहरी सच्चाई है कि पुरुष का मन शांति और सुकून की तलाश में होता है, न कि सिर्फ शारीरिक आराम या नींद में। जब उसे किसी स्त्री की छाँव मिलती है, तो वह केवल एक शारीरिक सानिध्य नहीं चाहता, बल्कि वह उस मानसिक और भावनात्मक समर्थन की तलाश करता है, जो उसकी आत्मा को शांति दे सके। स्त्री की समझ में यह कभी नहीं आता कि उसके लिए पुरुष का शांत और खुश रहना सिर्फ एक बाहरी रूप में नींद से जुड़ा नहीं, बल्कि वह भावनाओं की गहरी लहरों से राहत पाने के लिए उस सुकून की खोज करता है, जो उसे सच्चे रिश्ते में मिल सकता है। उसे यह अहसास नहीं होता कि एक स्त्री का प्रेम और समझ ही पुरुष को मानसिक शांति और सुकून का अहसास कराता है, जो उसे किसी और से नहीं मिल सकता।



पुरुष सुकून से सो पाया, जब स्त्री की छाँव मिली उसे.❣

स्त्री समझ नहीं सकी, की पुरुष नींद का नहीं, सुकून का भूखा है..❣❣




ree



The man was able to sleep peacefully, when he got the shade of the woman.❣

The woman could not understand, that the man is not hungry for sleep, but for peace..❣❣




"पुरुष सुकून से सो पाया, जब स्त्री की छाँव मिली उसे...❣स्त्री समझ नहीं सकी, कि पुरुष नींद का नहीं, सुकून का भूखा है...❣❣"

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