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ठहरना वहीं.

  • Writer: ELA
    ELA
  • Jun 14
  • 1 min read

"ठहरना वहीं.। जहाँ रूह मुस्कुरा दें..।।" — ये पंक्ति सिर्फ एक जगह की नहीं, बल्कि एक एहसास की तलाश है। जीवन की भागदौड़ में हम कई पड़ावों से गुजरते हैं, लेकिन सुकून केवल वहीं मिलता है जहाँ आत्मा को चैन मिले, जहाँ दिल भारी न हो और जहाँ मुस्कान सिर्फ होंठों पर नहीं, रूह के भीतर खिल उठे। वो जगह कोई इंसान हो सकता है, कोई रिश्ता, कोई खामोश पहर या कोई ऐसी लम्हा जहाँ हर दर्द हल्का लगने लगे। असल में ठहरना वहाँ चाहिए जहाँ ज़िंदगी बोझ न लगे, और दिल हर बार कहे – हाँ, यही मेरा ठिकाना है।


ठहरना वहीं.।

जहाँ रूह मुस्कुरा दें..।।

Stop there...

Where the soul smiles...

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ठहरना वहीं.।
जहाँ रूह मुस्कुरा दें..।।

यहाँ "ठहरना वहीं। जहाँ रूह मुस्कुरा दें..।।" जैसे भाव को व्यक्त करने वाले कुछ समान अर्थ वाले कोट्स दिए गए हैं:

  1. रुकना वहीं चाहिए, जहाँ सुकून बेचैनियों से ज़्यादा हो...।।

  2. जहाँ दिल को राहत मिले, वही असली मंज़िल है..।।

  3. हर मुसाफ़िर को ठिकाना चाहिए, मगर ठिकाना वही हो जहाँ रूह सुकून पाए..।।

  4. जिस जगह पे दिल ना घबराए, वही जगह घर जैसी लगती है..।।

  5. ठहराव तलाशो उस पल में, जो अंदर तक मुस्कान दे जाए..।।

  6. सफ़र लंबा हो तो क्या, मंज़िल वही रखो जहाँ रूह सुकून से भर जाए..।।

  7. ठिकाना वही बनाओ, जहाँ ज़िंदगी मुस्कुरा के जिए..।।

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