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क्यों आता है साथ देने कोई जीवन के विस्तार में.|जब रहना ही है हम सबको आखिरकार इंतज़ार में..||

  • Writer: ELA
    ELA
  • May 26
  • 1 min read

जीवन एक लंबा सफ़र है, जहां रास्ते में कई लोग साथ आते हैं — कुछ थोड़ी दूर तक, कुछ ज़रा और आगे... मगर अंत में हर कोई किसी न किसी इंतज़ार में ही ठहर जाता है। कभी किसी की वापसी का इंतज़ार, कभी किसी अधूरी बात का, तो कभी उस मुकाम का जहाँ सब सुकून हो। तब मन पूछता है — जब अंत इंतज़ार ही है, तो फिर क्यों आता है कोई हमारे जीवन में विस्तार भरने? क्यों बुनते हैं हम रिश्ते, सपने और उम्मीदें, जब सब बिखरने के लिए ही आते हैं? शायद इसलिए कि सफ़र आसान हो जाए... लेकिन अफ़सोस, इंतज़ार की पीड़ा अंत में हर साथ को फीका कर ही देती है।



क्यों आता है साथ देने कोई जीवन के विस्तार में.|

जब रहना ही है हम सबको आखिरकार इंतज़ार में..||


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Why does anyone come to accompany us in the expanse of life. When ultimately we all have to wait..



"क्यों आता है साथ देने कोई जीवन के विस्तार में...❣जब रहना ही है हम सबको आखिरकार इंतज़ार में...❣❣"

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