इतना मत रूठा करो मुझसे.|तुम मेरी किस्मत मे वैसे भी नही हो..||
- ELA

- May 25
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रूठना तब अच्छा लगता है जब मनाने की उम्मीद हो, जब रिश्ता क़रीब हो, और जब नज़दीकियाँ मुक़द्दर में लिखी हों। मगर तुम तो वैसे भी मेरी किस्मत में नहीं हो — ये मैं जानता हूँ, फिर भी तुम्हें मनाने की कोशिश करता हूँ, सिर्फ इसलिए कि दिल तुम्हें खोना नहीं चाहता। तुम्हारे हर बार के खामोश चले जाने पर भी मैं उम्मीद रखता हूँ कि शायद इस बार तुम रुक जाओ। लेकिन जब तुम बार-बार रूठती हो, तो मुझे मेरी हक़ीक़त याद आ जाती है — कि तुम कभी मेरी थी ही नहीं। तुमसे मोहब्बत करना मेरी भूल नहीं थी, लेकिन शायद किस्मत का मज़ाक ज़रूर था।
इतना मत रूठा करो मुझसे.|
तुम मेरी किस्मत मे वैसे भी नही हो..||

Don't be so angry with me. You are not in my destiny anyway.
"इतना मत रूठा करो मुझसे...❣तुम मेरी किस्मत में वैसे भी नहीं हो...❣❣"


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