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नुक्स निकालते हैं लोग कुछ इस कदर

  • Writer: ELA
    ELA
  • Mar 8
  • 1 min read

हमसे उम्मीदें भी कुछ लोग Superhero जैसी रखते हैं —बिना थके, बिना टूटे, हमेशा परफेक्ट!और जब हमारी इंसानियत सामने आती है,तो उन्हें हमारी कमियाँ नज़र आने लगती हैं।

माफ़ करना,हम कोई सुपरपावर लेकर नहीं आए —हम भी कभी टूटते हैं, कभी थकते हैं,कभी चुप रह जाते हैं… और हाँ, हम सिर्फ़ इंसान हैं।

कमज़ोरियाँ भी हैं, लेकिन दिल भी है!गलतियाँ भी हैं, लेकिन नीयत साफ़ है।



"नुक्स निकालते हैं लोग कुछ इस क़दर हममें...जैसे उन्हें Superman चाहिए था और हम इंसान निकले..!!"


नुक्स निकालते हैं लोग कुछ इस कदर हममें ..

जैसे उन्हें Super Man चाहिए था और हम

इंसान निकले..!!


Silhouette of a person by a lake with a cloudy sky. Hindi text overlay expresses feeling imperfect. Calm, reflective mood.


People find faults in us like this...

Like they wanted Super Man and we

Turned out to be human..!!

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