रुको...
उस शख़्स का इंतज़ार करो जो तुम्हारी कद्र करे,
जो कभी खुद को उस जगह पर भी ना आने दे जहाँ वो तुम्हें खो दे।
उसका इंतज़ार करो जो तुम्हारी सीमाओं का सम्मान करे,
जो तुम पर कभी कुछ ऐसा ना थोपे जिसके लिए तुम तैयार नहीं हो।
उसका इंतज़ार करो जो देने वाला हो,
ना कि वो जो हर चीज़ का हिसाब रखे इस उम्मीद में कि तुम कुछ लौटाओ।
उसका इंतज़ार करो जो तुम्हें मानसिक रूप से चुनौती दे,
और हर गुज़रते दिन के साथ तुम्हें एक बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा दे।
उसका इंतज़ार करो जो तुम्हारे लिए वक़्त निकाले,
और उस वक़्त में तुम्हें समझने और जानने की कोशिश करे।
उसका इंतज़ार करो जो लगातार अपने व्यवहार से ये जताए
कि वो तुम्हारे लिए सच में फिक्र करता है।
उसका इंतज़ार करो जो वाकई तुम्हारी ज़िंदगी का हिस्सा बनना चाहता हो,
और हर दिन अपने होने का यकीन दिलाए।
उसका इंतज़ार करो जो दिनभर तुम्हें मैसेज करके ये जाने
कि तुम ठीक हो या नहीं— क्योंकि वो सच में तुम्हारी परवाह करता है।
उसका इंतज़ार करो जो तुम्हारे साथ एक सच्चा रिश्ता निभाने को तैयार हो।
उसका इंतज़ार करो जो अपने प्रयासों से ये कभी न जताए
कि तुम उसके जीवन में कहाँ खड़ी हो—
बल्कि हर दिन तुम्हें स्पष्टता दे।
उसका इंतज़ार करो जो तुम्हारे दिल की हिफाज़त को
अपनी सबसे बड़ी प्राथमिकता माने।
मेरा मशवरा मानो...
और उस इंसान का इंतज़ार करो
जिसकी मौजूदगी में तुम्हें इतना प्यार महसूस हो
कि ऐसा लगे जैसे तुम आख़िरकार घर आ गई हो।