लोगों की योग्यता...
- ELA
- Jun 14
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"लोगों की योग्यता, पद या स्थिति जाने बिना उनका सम्मान करने की आदत डालें।"
सम्मान वो मूल्य है जो इंसान को इंसान से जोड़ता है — न कि उसकी हैसियत, डिग्री या पद से। जब हम बिना किसी भेदभाव के हर व्यक्ति को आदर देना सीखते हैं, तो हम अपने भीतर विनम्रता और मानवीयता को स्थान देते हैं। हर व्यक्ति का आत्मसम्मान होता है, चाहे वो किसी ऊँचे पद पर हो या एक साधारण जीवन जी रहा हो। दूसरों को उनकी योग्यता से नहीं, उनकी मानवता से पहचानें। क्योंकि असली सभ्यता और संस्कार वहीं प्रकट होते हैं, जहाँ सामने वाले की पहचान के बिना भी उसे सम्मान मिलता है। यही आदत समाज को बेहतर बनाती है और इंसान को महान।
लोगों की योग्यता, पद या स्थिति जाने
बिना उनका सम्मान करने की आदत डालें।
Make it a habit to respect people regardless of their qualifications, position or status.

लोगों की योग्यता, पद या स्थिति जाने
बिना उनका सम्मान करने की आदत डालें।
सम्मान वो नहीं जो पद देखकर दिया जाए,सम्मान वो है जो इंसानियत देखकर दिया जाए।
हर व्यक्ति आदर का हकदार है,चाहे उसकी पहचान कुछ भी हो।
औदे और नाम बड़े हो सकते हैं,पर असली बड़प्पन बिना जाने आदर देने में है।
बिना भेदभाव के दिया गया सम्मान,आपके चरित्र का परिचय देता है।
इंसान को पद से नहीं,उसकी उपस्थिति से सम्मान देना सीखिए।
योग्यता देख कर सम्मान देना सामान्य है,बिना जाने देना असली संस्कार है।
सम्मान तभी सच्चा होता है,जब वह पहचान से पहले दिया जाए।
विनम्रता वहीं दिखती है,जहाँ हर कोई आदर के लायक समझा जाए।
इंसान की कीमत उसकी पोस्ट से नहीं,उसके प्रति आपके व्यवहार से तय होती है।
सच्चे संस्कार वहीं हैं,जहाँ बिना कारण भी सम्मान दिया जाता है।
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