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तुम किताबों के सामने झुक जाओ

  • Writer: ELA
    ELA
  • Jun 25
  • 1 min read

"तुम किताबों के सामने झुक जाओ, ये तुम्हारे सामने दुनिया झुका देगी।"ज्ञान के सामने झुके हुए सिर में वह ताक़त होती है जो तलवारें नहीं कर सकतीं। जब तुम ईमानदारी से किताबों का सम्मान करते हो, उनसे दोस्ती करते हो, तो वे तुम्हें ऐसी समझ, सोच और दृष्टि देती हैं जो दुनिया को बदलने की ताक़त रखती है। किताबें सिर्फ अक्षरों का ढेर नहीं, बल्कि अनुभव, इतिहास, विज्ञान और जीवन की सच्चाईयों का खजाना हैं। जो इनके आगे झुकता है, दुनिया उसके आगे झुकती है — क्योंकि सच्चा सम्मान, पहचान और सफलता उन्हीं को मिलती है जो खुद को सीखने के लिए समर्पित कर देते हैं।



तुम किताबों के सामने झुक जाओ,
ये तुम्हारे सामने दुनिया झुका देगी।
You bow down before books, they will make the world bow down before you.
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  1. "जो ज्ञान के आगे सिर झुकाता है, दुनिया उसके कदमों में बिछ जाती है।"

  2. "किताबों से दोस्ती कर लो, ये ज़िंदगी के हर मोड़ पर तुम्हारा साथ निभाएंगी।"

  3. "शब्दों की इज़्ज़त करने वाला इंसान कभी बेइज़्ज़त नहीं होता।"

  4. "जो कलम पकड़ता है, वही कल क़ायम करता है।"

  5. "असली ताक़त बाज़ुओं में नहीं, दिमाग़ में होती है — और वो किताबों से मिलती है।"

  6. "पढ़ाई में झुका सिर, भविष्य में ऊँचा सिर बन जाता है।"

  7. "किताबें वो चाबी हैं जो बंद किस्मत के दरवाज़े खोल देती हैं।"

  8. "ज्ञान के मंदिर में झुकने वाला, संसार का राजा बनता है।"

  9. "शब्द समझो, अर्थ आएंगे; अर्थ समझो, सफलता आएगी।"

  10. "जिन्होंने किताबें अपनाईं, उन्होंने ही ज़िंदगी में मुक़ाम पाया।"

तुम किताबों के सामने झुक जाओ,
ये तुम्हारे सामने दुनिया झुका देगी।

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