जब प्रिय लोग बहुत पास आ जाते हैं, तब उनकी गलतियाँ भी दिखने लगती हैं।
अगर जलन करने वाले पास आ जाएँ, तो समझ जाते हैं—तुममें जलने लायक कुछ है ही नहीं।
और दुश्मन? उसे सामने रखो। दूर से वार करना आसान होता है, पास में वह सोचता है।
भीख अमीर को दो।
उन्हें कुछ मिले तो ड्रामा करते हैं। गरीब बस आँखों में आँसू लाता है, अमीर देता है एंटरटेनमेंट।
कुछ पसंद आए? तो उससे दूर रहो।
प्यार की बात करते ही खेल खत्म।
और रिश्ते? उनका अंत तो अलगाव ही है। वहीं से पता चलता है कौन कितना अपना था।
दुख की कहानी सबको मत बताओ।
सुनने वाले के "हूँ" और "आह" से सुकून नहीं मिलता, बल्कि चिढ़ होती है।
नम्र और शरीफ लोगों से दूरी रखो।
उनसे कुछ सीखने को नहीं मिलता।
चोर और ठग सिखाते हैं कैसे बच कर जिया जाए।
सब कुछ मुमकिन है, बस प्लान ‘वाई’ साथ रखो।
गैरकानूनी कुछ नहीं होता, बस अक्ल होनी चाहिए।
लोमड़ी को पहरेदार बनाओ।
तभी मुर्गियाँ बचेंगी। भरोसे से नहीं, चालाकी से काम लो।
"गुप्त बात" जैसी कोई चीज़ नहीं होती।
जो कह दी, वो बाजार तक पहुँच गई।
अगर हाथ में गोली हो तो फूल दिखाने का कोई फायदा नहीं।
और प्यार में पड़ो तो एक पेग मार लो, नहीं तो बाद में बोतल खरीदने में आधी सैलरी चली जाएगी।
चेक-इन करने के लिए महंगे रेस्टोरेंट मत जाओ।
वहाँ खाना नहीं, फेसबुक सबसे ज़्यादा खाता है।
गिटार बजा कर प्यार नहीं पाया जा सकता।
लड़कियाँ तब प्यार करती हैं जब सब तुम्हारे म्यूजिक पर मरते हैं।
चापलूसों को पीछे रखो।
उन्हें सामने लाओगे तो टाइम पर भगाना मुश्किल होगा।
प्यार कभी शर्तों पर नहीं होता।
जो प्यार करता है, उसे उतना ही लौटाओ—जितना तुम्हारा मन करे।
फेसबुक एक झूठ की दुनिया है।
स्टेटस देखकर किसी पर भरोसा मत करो—यहाँ ज़िंदगी भी एडिट की हुई होती है।