कभी-कभी प्यार छोटी-छोटी बातों में छिपा होता है...
सावधानी से गाड़ी चलाना।
क्या तुम घर पहुँच गए?
चलो थोड़ी देर टहलने चलते हैं।
मेरा दिन बहुत व्यस्त था, लेकिन मैं तुम्हें बहुत याद कर रहा/रही हूँ।
तुम्हारा दिन कैसा रहा?
तुम आज बहुत खूबसूरत लग रहे/रही हो।
हम इसे ठीक कर सकते हैं।
मैं तुम्हें खो नहीं सकता/सकती।
मैं हमेशा तुम्हारा साथ दूँगा/दूँगी।
इस सफर में तुम अकेले नहीं हो, मैं तुम्हारे साथ हूँ।
मुझे तुम पर भरोसा है।
मुझे तुम पर यकीन है।
चाहे कुछ भी हो जाए, मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा/रहूँगी।
मैं कभी भी तुम्हें अपने प्यार की याद दिलाने से नहीं थकूँगा/थकूँगी।
प्यार सिर्फ "मैं तुमसे प्यार करता/करती हूँ" कहने तक सीमित नहीं है,
ये उससे कहीं ज़्यादा है...
प्यार हमेशा छोटी-छोटी बातों में नज़र आता है।