एक छोटे से कस्बे में रेखा नाम की औरत रहती थी। रेखा का जीवन बाकी औरतों जैसा ही था—सुबह जल्दी उठना, घर की सफाई, बच्चों का टिफिन बनाना, पति के कपड़े प्रेस करना, सब्ज़ी बनाने से लेकर खेत के काम तक हर जिम्मेदारी निभाना। लेकिन फर्क इतना था कि रेखा के पास अपने लिए ज़रा भी समय नहीं होता था।
उसकी सहेली अनामिका अक्सर कहती—“रेखा! तू क्यों इतना खुद को थका देती है? थोड़ा समय अपने लिए निकाल, अच्छे कपड़े पहन, सजे-धजे, आईने में देख, तुझे भी अच्छा लगेगा।”
रेखा हल्की मुस्कान देती और कहती—“अनामिका, मेरे पास इतना वक़्त कहां है। काम इतने पड़े रहते हैं कि आईना देखने का भी समय नहीं मिलता। सच कहूँ, आईना तो शायद मुझे देखकर खुद ही मुस्कुरा देता होगा कि ‘इतनी मेहनत करने वाली औरत, फिर भी कितनी सुंदर है।’”
रेखा वाकई साधारण से कपड़े पहनती, जल्दी-जल्दी बाल बांध लेती, और घर-गृहस्थी में जुट जाती। लेकिन उसकी मेहनत का असर पूरे परिवार पर साफ दिखता। उसके पति को कभी घर के झंझट में उलझना नहीं पड़ता, बच्चे हमेशा साफ-सुथरे और समय पर स्कूल जाते, और खेत में रेखा की मदद से उनकी आमदनी भी बढ़ने लगी थी।
एक दिन गाँव में एक मेले का आयोजन हुआ। वहाँ सब औरतें सजधज कर आईं, गहनों से लदी, चेहरे पर मेकअप की चमक। रेखा भी वहाँ पहुँची—साधारण साड़ी में, हल्के से लिपटे बालों के साथ। कई लोगों ने कहा—“देखो, ये रेखा है। ज़रा भी तैयार नहीं होती, हमेशा बस काम में लगी रहती है।”
रेखा चुप रही, लेकिन उसके पति गर्व से बोले—“आप लोगों को शायद दिखता होगा कि ये सजती-संवरती नहीं है, लेकिन मुझे रोज़ ये सबसे सुंदर दिखती है। क्यों? क्योंकि जब मैं थका-हारा घर लौटता हूँ, तो ये मुझे पानी देकर पूछती है—‘आपका दिन कैसा रहा?’ जब बच्चों को ये गोदी में उठाकर पढ़ाती है, तो उसके चेहरे की चमक किसी गहने से कम नहीं होती। और जब ये मेरे साथ खेत में कड़ी धूप में खड़ी रहती है, तो मुझे भगवान की तरह लगता है कि ये मेरी सबसे बड़ी ताकत है।”
उस दिन पहली बार सबको एहसास हुआ कि सच्ची सुंदरता आईने में नहीं, बल्कि औरत की मेहनत और त्याग में छुपी होती है।
रेखा की कहानी हमें यही सिखाती है कि –
👉 औरत का मूल्य उसके कपड़ों या सिंगार से नहीं, बल्कि उसके कर्मों और त्याग से होता है।
👉 जो महिलाएं घर-परिवार के लिए संघर्ष करती हैं, वे ही असली नायिका होती हैं।
👉 सुंदरता वो नहीं जो घँटों आईने में बनाने पर दिखे, बल्कि वो है जो बिना देखे भी दिलों को छू जाए।
रेखा जैसी औरतें शायद आईने के सामने घंटों न खड़ी हों, लेकिन उनका जीवन ही आईना बन जाता है, जिसमें सबको त्याग, मेहनत और सच्ची सुंदरता झलकती है। 🌸
मशक्कत से कार्य करने वाली महिलाएं आप को बहुत कम सजीधजी मिलेंगी , फटाफट बाल बनाये या फिर यू हीं लपेट लिए जल्दी से कपड़े डिसाइड किये क्या पहनना है , ओर पहन लिए वह अपने आप पर कम ध्यान देतीं हैं वह घँटों आईने को नही देखती , सच कहूँ तो आईना ही निकलते पड़ते उनको जरूर देख लेता है
😄 वह कैसी दिख रही हैं इस पर उनका ध्यान जाता भी नही बस उनका दिल कह देता है ,उनको तुम अच्छी लग रही हो अब चलो बहुत काम पड़े हैं करने के लिये .....🙂
