एक छोटे से शहर में कुछ दोस्त थे – चेतन, कबीर और विशाल। तीनों पढ़ाई में ठीक-ठाक थे, खेलों में अच्छे थे और अक्सर लड़कियों के बारे में मज़ाक-मस्ती करते रहते थे। लेकिन उनमें से चेतन थोड़ा अलग था। वह हमेशा कहता था –
“दोस्तों, सुंदरता सिर्फ चेहरे की नहीं होती, असली खूबसूरती तो इंसान की रूह में होती है। अगर किसी को सच में जानना है तो उसकी मुस्कान से आगे बढ़कर उसकी सोच, उसका दिल और उसकी नीयत देखनी चाहिए।”
कबीर और विशाल उस पर हंसते थे – “अरे यार, तू तो बड़ा फकीर बन रहा है। अभी तो मज़े लेने की उम्र है, तिलों और ठिठोलियों से आगे बढ़कर कौन रूह देखने जाता है!”
लेकिन वक्त ने उन्हें जवाब दिया।कबीर ने जल्दी-जल्दी रिश्ते बनाए, चेहरे देखकर लड़कियों को पसंद किया, फिर तकरार और अलगाव भी झेला। हर बार उसने सोचा कि गलती सामने वाले की है, पर असल में उसकी नजर गहराई तक कभी गई ही नहीं थी।
वहीं चेतन धीरे-धीरे लोगों को समझता गया। उसने यह सीखा कि किसी का दर्द सुनना, उसकी मुश्किलों में साथ खड़ा होना और उसकी खामियों को अपनाना ही असली रिश्ता है। उसने न सिर्फ दोस्तियों को निभाया बल्कि जब उसकी जिंदगी में एक लड़की रेखा आई, तो उसने उसे सिर्फ उसके रूप से नहीं, बल्कि उसकी सोच, संघर्ष और मासूमियत से जाना। यही कारण था कि उनका रिश्ता गहराई तक जाकर मजबूत हो गया।
कुछ साल बाद जब तीनों मिले, तो कबीर और विशाल ने माना –“यार चेतन, तू सही था। चेहरे तो बदल जाते हैं, रंग-रूप ढल जाता है, पर जिसकी रूह खूबसूरत हो, वो हर उम्र में प्यारा लगता है।”
चेतन मुस्कुराकर बोला –“भाइयों, अभी तो हमारी उम्र ही तिलों के राज देखने की है, मतलब छोटी-छोटी बातों और सतही सुंदरता पर ध्यान देने की। लेकिन असली मर्दानगी यही है कि हम रूह में उतरना सीखें। तभी हमें जिंदगी के असली हीरे नजर आएंगे।”
✨ सीख: जिंदगी में सच्चा सुख पाने के लिए सतह पर नहीं, गहराई में जाना जरूरी है। जिस दिन इंसान दूसरों की रूह में झांककर उन्हें समझना शुरू कर देता है, उसी दिन से उसके रिश्ते भी पवित्र हो जाते हैं और उसकी नजर में जिंदगी का असली सौंदर्य खुलने लगता है।
रूह में उतरना सीखते रहना लड़कों
अभी तिलों के राज देखने की उम्र हैं..❤️🥀🌻
