खासकर अगर उसने ये कई बार, कई लोगों के साथ, और कई तरीकों से किया हो। ऐसा आदमी जो तुम्हारी आंखों में आंखें डालकर झूठ बोल सकता है, तुम्हारे साथ विश्वासघात छुपा सकता है, और फिर बहानों और खोखले वादों के साथ वापस आ सकता है — वो आदमी तुमसे प्यार नहीं करता… वो उस सब चीज़ से प्यार करता है जो तुम उसके लिए करती हो।
ये प्यार नहीं है।
ये वफादारी नहीं है।
ये इज्ज़त नहीं है।
ये वासना है। ये हक जमाना है। ये खुदगर्ज़ी है।
ये ऐसा आदमी है जो एक अच्छी और सच्ची औरत का प्यार, देखभाल और साथ तो चाहता है, लेकिन खुद उतना ईमानदार, ज़िम्मेदार और सम्मानजनक बनना नहीं चाहता जिससे वो उस प्यार के लायक बन सके।
अगर वो रिश्ते की इज़्ज़त नहीं कर सकता, तो वो तुम्हारी इज़्ज़त भी नहीं करेगा।
अगर वो उस भरोसे को तोड़ सकता है जो तुम दोनों ने साथ मिलकर बनाया था, सिर्फ एक पल की खुशी के लिए सब कुछ दांव पर लगा सकता है — तो वो तुम्हें कितना कम महत्व देता है, ये साफ़ दिखा रहा है। उस पर यक़ीन करो।
उसके आंसुओं पर मत गिरो।
रात 2 बजे टाइप किए गए मैसेजों या अपराधबोध से भरी माफ़ी पर मत गिरो।
उन वादों पर मत गिरो कि “अब ऐसा कभी नहीं होगा।”
उन अचानक हुए रोमांटिक इशारों या तुम्हें रोकने की बेताब कोशिशों पर मत गिरो।
वो बदलाव नहीं है।
वो आत्मग्लानि नहीं है।
वो पछतावा नहीं है।
वो डर है।
तुम्हें खोने का डर।
तुम पर से अपना नियंत्रण खोने का डर।
आखिरकार जवाबदेह ठहराए जाने का डर।
जो आदमी तुमसे सच में प्यार करता है, वो तुम्हारे साथ जुआ नहीं खेलेगा।
वो तुम्हें जोखिम में नहीं डालेगा।
वो तुम्हारे साथ धोखा नहीं करेगा।
वो बार-बार तुम्हारे भरोसे को नहीं तोड़ेगा और ये उम्मीद नहीं करेगा कि तुम उसे हर बार जोड़ती रहो।
प्यार कभी भी विश्वासघात की आदत के साथ नहीं आता।
प्यार कभी भी बार-बार के धोखे के साथ नहीं आता।
तुम इससे बेहतर की हक़दार हो।
तुम सच्चाई, वफादारी, पारदर्शिता और स्थिरता की हक़दार हो।
तुम एक ऐसे आदमी की हक़दार हो जो अकेले में भी उतना ही वफादार हो जितना वो दुनिया के सामने दिखता है।
तुम एक ऐसे प्यार की हक़दार हो जो तुम्हें अपने मानदंडों को गिराने, अपनी आत्म-सम्मान खोने, या अपनी अंतरात्मा की आवाज़ दबाने पर मजबूर न करे, सिर्फ इसलिए कि वो तुम्हारे साथ रहे।
आगे बढ़ो।
एक और पल मत गंवाओ उस आदमी के बदलने की उम्मीद में जो शुरुआत में जो था, बस वही बनने का नाटक करता रहा।
बार-बार वही कहानी मत दोहराओ, उम्मीद में कि इस बार अंत अलग होगा।
अपने प्यार को उस आदमी पर बर्बाद मत करो जिसे बस लेना आता है, देना नहीं।
तुम्हारी शांति बहुत कीमती है।
तुम्हारा दिल बहुत अनमोल है।
तुम्हारा भविष्य बहुत ज़रूरी है।
एक दिन तुम पीछे मुड़कर देखोगी और खुद का शुक्रिया अदा करोगी — कि तुमने खुद को चुना, उस रिश्ते से बाहर निकली जो तुम्हारे क़ाबिल नहीं था।
और भरोसा करो…
वो प्यार जिसकी तुम इंतज़ार कर रही हो?
वो आदमी जो तुम्हारी कद्र करेगा, तुम्हें सुरक्षित महसूस कराएगा, तुम्हें पूरे दिल से चाहेगा?
वो कहीं है।
और वो तुम्हें कभी तुम्हारी कीमत का एहसास कराने में नहीं चूकेगा।