उस घर के बच्चे भी अपने पिता को इज़्ज़त देना नहीं सीखते।
क्योंकि बच्चे वही सीखते हैं, जो वो अपने घर में देखते हैं।
अगर माँ अपने पति के साथ सम्मान से पेश आती है, तो बच्चे भी रिश्तों की अहमियत और आदर करना सीखते हैं।
लेकिन अगर घर में अपमान, ताने और अनादर का माहौल हो, तो बच्चे बड़े होकर भी अपने पिता को वही रवैया दिखाते हैं जो उन्होंने देखा है।
परिवार का असली सुख सिर्फ प्यार में नहीं, बल्कि एक-दूसरे को सम्मान देने में है।
पति-पत्नी का आपसी सम्मान, बच्चों की परवरिश का सबसे मजबूत स्तंभ है।
इज़्ज़त दी जाती है, मांगी नहीं जाती… और घर की नींव इज़्ज़त से ही मजबूत होती है। ❤️
