कितना सुंदर होता है जब एक रिश्ता ऐसा हो जहाँ आप खुलकर बातें कर सकें।
जैसे:"जान, मुझे थोड़ी नाराज़गी हुई—माफ करना—लेकिन तुम्हारा रवैया भी मुझे अच्छा नहीं लगा। इस तरह की बातें मुझे परेशान करती हैं।"
अपने पार्टनर को ये बताना कि आपको क्या चीज़ें परेशान करती हैं, ज़रा भी токсिक (हानिकारक) नहीं है। अपनी समस्याएँ साझा करना और उनसे मदद माँगना भी गलत नहीं है। अगर कोई बात आपको असुरक्षित महसूस करवा रही है, तो उसे जाहिर करना पूरी तरह सही है।
असल में जो बात सच में नुकसानदायक होती है, वो है अपने मन की शंकाओं और असुरक्षाओं को दबा लेना, सिर्फ इस डर से कि कहीं रिश्ता खराब न हो जाए।
संचार (communication), ईमानदारी, वफादारी और गलतियाँ स्वीकार करने की क्षमता—ये एक सफल रिश्ते की बुनियादी स्तंभ होते हैं। बातों को दिल में नहीं, रिश्ते में लाना चाहिए।