जब कोई औरत सच्चा प्यार करती है, तो वो अधूरा नहीं देती — वो पूरी तरह से प्रतिबिंबित करती है।
एक औरत का दिल एक दर्पण की तरह होता है, एक भावनात्मक गूंज।
वो आपके शब्दों, आपके कर्मों, और आपके असली इरादों को आत्मसात करती है।
अगर आपके कर्म आपके शब्दों से मेल खाते हैं,
अगर आपकी ऊर्जा आपके इरादों के अनुरूप है,
तो वो उसे प्यार, देखभाल और अटूट वफादारी के साथ लौटाती है।
लेकिन अगर आप भ्रम, उपेक्षा, या बेईमानी देते हैं...
तो हैरान मत होइए अगर वो चुप हो जाए, दूर हो जाए, या फिर हमेशा के लिए चली जाए।
वो कोई रंज नहीं पाल रही होती।
वो ठंडी नहीं हो रही होती खेल-खेल में।
वो बस आपको... आप ही को दिखा रही होती है।
प्यार चाहिए? तो उसे प्यार दीजिए।
शांति चाहिए? तो खुद शांति लाइए।
वफ़ादारी चाहिए? तो खुद उस भरोसे के काबिल बनिए।
अगर आपकी औरत में आपको कोमलता, ताक़त और वफ़ादारी दिखती है,
तो समझिए कि आप अपने ही व्यवहार का प्रतिबिंब देख रहे हैं।
और अगर आपको बस खामोशी और सर्द रवैया दिखता है...
तो वो भी एक दर्पण ही है।
औरत कोई रहस्य नहीं है।
वो एक आईना है।
उसकी ओर देखिए — और आप खुद को देख पाएंगे।