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वो लोग पूछते है कमाई मेरी, जो पूछते नहीं तबियत हमारी।~ आकाश मौर्य..2025

  • लेखक की तस्वीर: ELA
    ELA
  • 7 जुल॰
  • 1 मिनट पठन

कितनी अजीब बात है कि ज़माना आजकल इंसान की इंसानियत से ज़्यादा उसकी कमाई को तवज्जो देता है। वो लोग जो हालचाल तक नहीं पूछते, जो ये तक नहीं जानते कि हम ज़िंदा भी हैं या नहीं, वो बड़ी बेफिक्री से पूछ बैठते हैं – "कितना कमा लेते हो?" उन्हें हमारी थकान, हमारी हालत, या हमारे जज़्बात से कोई वास्ता नहीं होता। रिश्ते अब भावनाओं से नहीं, बैलेंस शीट से तौले जाने लगे हैं। और यही सच है आज की दुनिया का – जहाँ लोग मतलब के बिना हाल नहीं पूछते और मतलब हो, तो हालात की फिक्र नहीं करते।


वो लोग पूछते है कमाई मेरी,
जो पूछते नहीं तबियत हमारी।
~ आकाश मौर्य
वो लोग पूछते है कमाई मेरी

Those people ask about my income,
who do not ask about my health.
~ Akash Maurya

  1. "कमाई पूछने वाले बहुत हैं,पर हाल-ए-दिल जानने वाला कोई नहीं।"

  2. "जो लोग तबियत नहीं पूछते,वो भी जज बन बैठे हैं कमाई पर।"

  3. "रिश्ते अब दिल से नहीं,बैंक बैलेंस से तौलते हैं लोग।"

  4. "जिन्हें हमारी हालत का अंदाज़ा नहीं,वो हमारी हैसियत पर सवाल करते हैं।"

  5. "कमाई पूछना आसान है,मगर हाल पूछना इरादों की बात होती है।"

  6. "हमसे मुहब्बत नहीं, बस आमदनी से मतलब है उन्हें।"

  7. "तबियत पूछने का वक्त नहीं,मगर जेब में क्या है, ये सबको जानना है।"

  8. "कमाई का हिसाब मांगने वाले,क्या हमारी थकान का भी मोल देंगे?"

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