हाँ, तुम अब भी वही इंसान बन सकते हो, जो बनने का तुमने कभी सपना देखा था। ये जो गलतियाँ हुई हैं, जो राह में रुकावटें आई हैं, जो दिन तुम्हें थका गए हैं — ये तुम्हारी तरक्की को नहीं मिटा सकते। एक बुरा दिन, एक बुरा फैसला, कुछ खोए हुए पल… ये सब तुम्हारे पूरे सफर को परिभाषित नहीं करते।
मैं जानती हूँ, कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे सब कुछ थम गया है। जैसे तुम हार रहे हो। जैसे अब और आगे बढ़ पाना मुश्किल है। पर याद रखना, तुम अब भी उठ रहे हो — हर थकान के बावजूद, हर बोझ के साथ।
बुरा दिन तुम्हें बुरा इंसान नहीं बनाता। ये सिर्फ एक दिन है, एक अनुभव है, जो तुम्हें कुछ सिखा रहा है। खुद को महसूस करने दो — तकलीफ को भी, आंसुओं को भी, चुप्पियों को भी। क्योंकि जब तुम उन पलों को पूरी तरह महसूस करते हो, तभी तुम उनसे कुछ सीख पाते हो।
जो समय कठिन होता है, वही तुम्हारे अंदर की सबसे खूबसूरत परतें खोलता है। वही तुम्हें उस इंसान की ओर ले जाता है, जो तुम सच में हो — और जो तुम बनना चाहते हो।
तो, अगर आज थोड़ा सा थम भी गए हो, अगर मन उदास है या आँखें नम हैं — कोई बात नहीं। ये भी जीवन का हिस्सा है। और तुम… तुम बहुत अच्छा कर रहे हो।
तुम्हारा होना ही काफ़ी है। और जो तुम कर रहे हो, वो तारीफ़ के काबिल है। खुद पर भरोसा रखो — तुम रास्ते पर हो।
