बहुत समय पहले एक गाँव में एक बूढ़ा किसान रहता था। उसके पास एक सुंदर सफेद घोड़ा था। वह घोड़ा बहुत ही कीमती और अनोखा था। लोग कहते थे कि यह घोड़ा किसान को अमीर बना सकता है, लेकिन किसान कभी उसे बेचता नहीं था।
एक दिन घोड़ा अचानक गायब हो गया। गाँव वाले कहने लगे –
“अरे बूढ़े, तुम्हारा घोड़ा भाग गया। कितना बड़ा दुर्भाग्य है!”
किसान मुस्कराया और बोला –
“पता नहीं, यह दुर्भाग्य है या सौभाग्य। समय बताएगा।”
कुछ दिन बाद सफेद घोड़ा लौट आया और उसके साथ कई जंगली घोड़े भी लाया। गाँव वाले खुश होकर बोले –
“वाह! कितना सौभाग्य है। अब तो तुम अमीर हो जाओगे।”
किसान ने फिर कहा –
“पता नहीं, यह सौभाग्य है या दुर्भाग्य। समय बताएगा।”
उसका बेटा घोड़ों को काबू करने लगा। लेकिन एक दिन घोड़े से गिरकर उसका पैर टूट गया। गाँव वाले फिर कहने लगे –
“ओह, अब तो बहुत बड़ा दुर्भाग्य आ गया।”
किसान ने फिर शांत भाव से कहा –
“पता नहीं, यह दुर्भाग्य है या सौभाग्य। समय बताएगा।”
कुछ समय बाद युद्ध छिड़ गया। गाँव के सभी जवानों को युद्ध में जाना पड़ा, पर किसान का बेटा अपाहिज होने के कारण घर पर ही रह गया। गाँव के ज्यादातर जवान युद्ध में मारे गए, लेकिन किसान का बेटा बच गया।
तब सबको समझ आया कि जीवन में जो घटना अच्छी या बुरी लगती है, उसका असली परिणाम समय ही बताता है।
सीख :--
जीवन में घटने वाली हर घटना तुरंत अच्छी या बुरी नहीं होती। असली परिणाम समय आने पर ही सामने आता है। इसलिए हमेशा धैर्य और संतुलन बनाए रखना चाहिए।

