तो स्वाभाविक रूप से आपके दुश्मन बन जाते हैं। ऐसे लोग जो आपसे नफरत करेंगे क्योंकि आप वो कर रहे हैं जो आपको पसंद है, क्योंकि आप सच बोलते हैं, क्योंकि आप उनकी भ्रमित धारणाओं और विचारों को स्वीकार नहीं करते। आपको ठीक होने या बदलने की ज़रूरत नहीं है, आप टूटे हुए नहीं हैं। सुनिए, चाहे वो आपको बेवकूफ, पागल, अजीब, मूर्ख, बचकाना, अपरिपक्व, या गैर-जिम्मेदार कहें — आप समस्या नहीं हैं सिर्फ इसलिए कि आपने असली और सच्चा बने रहने का चुनाव किया।
ये आपकी गलती नहीं है कि वो लोग सच को स्वीकार नहीं कर पाते। ये आपकी गलती नहीं है कि वे डर, घबराहट और अज्ञानता में जी रहे हैं। उनसे बहस मत करो, उनकी बातों को अपने दिल पर मत लो, उन्हें गंभीरता से मत लो। अपनी नज़र मंज़िल पर रखो। हमेशा फोकस में रहो और याद रखो।
