तक़रीबन दस घंटे की उड़ान के दौरान एक महिला साउथ कोरिया से अमेरिका के सनफ्रांसिस्को जा रही थी।
इस मां ने प्लेन में लगभग 200 से ज़्यादा मुसाफिरों को बेहद अदब व विनम्रता के साथ एक-एक प्लास्टिक के बैग बांटे जिसमें चॉकलेट, च्युइंगगम और इयरप्लग थे जो कि उड़ान के दौरान उसके चार महीने के नवजात बच्चे के रोने चिल्लाने की हालत में उनका इस्तेमाल करने के लिए एक तरह की एडवांस में माफी के रूप में दिया गया जुर्माना था।
बैग में एक भावनात्मक संदेश भी था.....“ हैलो, मैं जान वू हूं। मैं सिर्फ़ चार महीने का हूं और आज मैं अपनी मां तथा दादी के साथ अमेरिका जा रहा हूं। मैं थोड़ा घबराया हुआ हूँ और डरा हुआ भी । यह मेरा पहला हवाई सफ़र है , मेरी ज़िन्दगी की पहली उड़ान। मेरे लिए रोना ,चीखना चिल्लाना या कुछ परेशानी पैदा करना शायद सामान्य बात होगी । फ़िरभी मैं शांत रहने की कोशिश करूंगा, लेकिन मैं आपसे पुख़्ता वादा नहीं कर सकता। अगर मेरी आवाज़ बहुत तेज़ हो जाती है तो प्लीज़ इसका इस्तेमाल करें और अपने सफ़र का मजा लें.... थैंक यू एंड सॉरी ” । . . . . .....
दरअसल किसी भी इंसान का दूसरे इंसान के साथ उसका बेहतरीन भावनात्मक बर्ताव उसे क़ाबिले एहतेराम बनाता है जिसे हमेशा याद रखना चाहिए । नफरत का कोई वज़ूद नही होता ये तो सिर्फ मोहब्बत की गैरहाजरी है ।

