कहते हैं, प्यार तब पूरा होता है जब सिर्फ़ दिल नहीं, रूह भी मुस्कराए।क्योंकि दिल तो कई बार किसी से लग जाता है,लेकिन रूह सिर्फ़ उसी से जुड़ती है जो हमें भीतर तक समझ सके।
आदित्य और मायरा की मुलाक़ात किसी फ़िल्मी अंदाज़ में नहीं हुई थी।ना वो पहली नज़र का प्यार था, ना कोई रोमांटिक मुलाकात।वो दोनों एक NGO में वॉलंटियर थे — बच्चों को पढ़ाने का काम करते थे।आदित्य को बच्चों की आँखों में उम्मीद देखना अच्छा लगता था,और मायरा को उनमें अपने बचपन की मासूमियत दिखती थी।
शुरुआत में वो बस साथ काम करते थे,फिर धीरे-धीरे बातें बढ़ीं — किताबों पर, ज़िंदगी पर, सपनों पर।कभी-कभी एक-दूसरे से मतभेद भी होते,लेकिन हर बहस के बाद जो सुकून आता था, वही दोनों को फिर से जोड़ देता था।
मायरा को पसंद थी बारिश,और आदित्य को बारिश में चाय बनाना।कहने को यह छोटी बातें थीं,पर इन्हीं बातों में उनकी रूहें जुड़ती जा रही थीं।
एक दिन मायरा की आँखों में आँसू थे।वो बोली, “मुझे डर लगता है, कहीं ये सब सिर्फ़ एक एहसास न हो।”आदित्य ने बस उसका हाथ थामा और कहा —“अगर ये सिर्फ़ एहसास होता, तो मेरी रूह यूँ चैन से बैठी क्यों होती?”
उसने मायरा की ओर देखा —ना कोई वादा किया, ना कोई इज़हार,बस उसकी मौजूदगी से मायरा के आँसू सूख गए।वो पल —जब किसी ने कुछ नहीं कहा,पर दोनों ने सब कुछ महसूस किया —वही प्यार का सबसे खूबसूरत पल था।
वक़्त बीता।एक दिन मायरा को अपने करियर के लिए किसी दूसरे शहर जाना पड़ा।आदित्य मुस्कराया और बोला,“तुम जहाँ भी रहो, अपना ध्यान रखना।”मायरा की आँखें भर आईं —“तुम नहीं आओगे छोड़ने?”आदित्य बोला —“रूह को छोड़ने के लिए ट्रेन टिकट नहीं चाहिए, वो तो वहीं रहती है जहाँ दिल जुड़ा हो।”
सालों बाद मायरा लौट आई —अब वो सफल थी, पर अकेली।लोग थे, शोहरत थी, पर सुकून नहीं था।वो उसी NGO में गई जहाँ सब शुरू हुआ था।वहाँ एक कोने में आदित्य अब भी बच्चों को पढ़ा रहा था, वही पुरानी मुस्कान लिए।
मायरा चुपचाप पास गई।दोनों की नज़रें मिलीं।ना कोई सवाल, ना कोई जवाब —बस एक हल्की मुस्कान, और आँखों में वही पुराना सुकून।
आदित्य ने बस इतना कहा —“देखो, आज भी दिल और रूह दोनों खुश हैं…यही तो प्यार का सबसे खूबसूरत पल होता है।”
उस पल में कोई रोमांस नहीं था,कोई इज़हार नहीं था,बस सच्चा अपनापन था —जहाँ दो दिल नहीं, दो रूहें मुस्करा रही थीं।
क्योंकि जब प्यार सच्चा होता है,तो वो “आई लव यू” से नहीं,बल्कि “तुम्हारे बिना मैं अधूरा हूँ” जैसी खामोशियों से महसूस होता है।
और वही पल —जब दिल और रूह दोनों को सुकून मिले —वही होता है प्यार का सबसे खूबसूरत पल। ❤️🌹
प्यार का सबसे खूबसूरत पल वो होता है
जब दिल और रूह दोनों खुश हों❤️
