कभी-कभी हमें खुद ही अपना सबसे अच्छा दोस्त और अपना सबसे प्यारा इंसान बनना पड़ता है। अपनी खुशी की जिम्मेदारी खुद लेनी पड़ती है, और उसके लिए जो कुछ भी ज़रूरी हो, वह सब करना चाहिए।
अगर आप अकेला महसूस करते हैं, तो अकेले जीना सीखें। खुद को सजा-धजाकर कभी भी अकेले घूमने निकल पड़ें। अपने लिए तोहफे खरीदें, क्योंकि खुद को खुश रखना एक सुकून भरा एहसास है।
यह सोचकर खुद को कमरे में बंद न करें कि 'मेरा कोई नहीं है'। अकेले ही बाहर निकलें। अपनी पसंदीदा जगहें घूमें, अपना पसंदीदा खाना खाएँ, और जो कुछ भी खरीदने का मन करे, उसे खरीद लें। जो इंसान खुद का दोस्त होता है, खुशियाँ अपने-आप उसकी ज़िंदगी में आ जाती हैं।
अगर किसी ने आपसे कभी नहीं कहा कि वे आपसे प्यार करते हैं, या आपको कभी अपनापन और प्यार नहीं मिला, तो इसका अफ़सोस न करें। खुद से कहें, 'मैं खुद से बहुत प्यार करती हूँ।' खुद को प्यार करके अपने पसंदीदा फूल तोहफ़े में दें। अपना ख्याल रखें और खुद को प्यार करें।
यह स्वार्थी दुनिया आपके लिए खुशियाँ जमा करके नहीं रखेगी। अपनी खुशियों की पोटली खुद बनाएँ। ज़िंदगी बहुत खूबसूरत है, और इस खूबसूरती का मज़ा लेने के लिए सबसे पहले खुद से प्यार करना ज़रूरी है।
