अर्जुन और राधा की शादी को सात साल हो चुके थे। शुरू-शुरू में अर्जुन बेहद रोमांटिक और परवाह करने वाला पति था।
वह राधा के लिए फूल लाता।
हर छोटी बात पर उसकी तारीफ़ करता।
और सबसे बड़ी बात—उसके साथ वक्त बिताने को अपनी प्राथमिकता मानता।
राधा को लगता था कि अर्जुन उसका सबसे अच्छा दोस्त और सबसे बड़ा सहारा है।
धीरे-धीरे बदलाव –
समय बीतता गया। नौकरी का दबाव, ज़िम्मेदारियों का बोझ और जीवन की भागदौड़ ने अर्जुन को बदलना शुरू कर दिया।
अब वह घर आते ही मोबाइल या लैपटॉप में व्यस्त रहता।राधा से बातें कम हो गईं, तारीफ़ें तो जैसे गायब हो गईं।राधा कई बार कहती—“तुम बदल गए हो…”
अर्जुन झुंझलाकर कहता—“क्या बदल गया हूँ? रोज़ ऑफिस जाता हूँ, कमाता हूँ, तुम्हें और बच्चों को सबकुछ देता हूँ। अब और क्या चाहिए?”
लेकिन राधा चुप हो जाती, क्योंकि वह जानती थी कि उसके कहने का मतलब अर्जुन ने समझा ही नहीं।
स्त्री की दृष्टि –
स्त्रियाँ रंगों के बीच बेहद महीन फ़र्क़ पहचान लेती हैं।अगर लाल और सुर्ख लाल में अंतर देख सकती हैं, तो रिश्तों के छोटे-छोटे बदलाव भी महसूस कर लेती हैं।
राधा के लिए अर्जुन की यह दूरी, उसका बदलना था।वह सिर्फ़ यह चाहती थी कि अर्जुन उसे पहले जैसा अपनापन दे, थोड़ी-सी बातचीत करे, थोड़ा-सा समय दे।
मोड़ –
एक दिन अर्जुन देर रात घर आया। देखा कि राधा चुपचाप बैठी थी। उसने पूछा—“क्या हुआ, नाराज़ हो?”
राधा ने आँखों में आँसू लिए बस इतना कहा—“अर्जुन, तुम बदल गए हो। औरतें रंगों का फ़र्क़ पहचान लेती हैं, रिश्तों के फ़र्क़ भी पहचान लेती हैं। तुम वही हो, पर तुम्हारे रंग अब पहले जैसे नहीं रहे।”
यह सुनकर अर्जुन का दिल पिघल गया। उसे एहसास हुआ कि वह बहस करके अपनी ही पत्नी की भावनाओं को नज़रअंदाज़ कर रहा था।
समझ और सुधार –
अगले दिन से अर्जुन ने छोटे-छोटे बदलाव करने शुरू किए—
घर आते ही सबसे पहले राधा से दिनभर की बातें करता।
हफ्ते में एक दिन सिर्फ़ उसके साथ समय बिताने लगा।
और सबसे ज़रूरी—कभी उसकी भावनाओं को हल्के में नहीं लिया।
धीरे-धीरे राधा के चेहरे पर फिर से वही मुस्कान लौट आई।
संदेश :
जब भी कोई स्त्री कहे कि—“तुम बदल गए हो”, तो उससे बहस न करें।वह सिर्फ़ शिकायत नहीं करती, बल्कि यह बताती है कि उसे आपका ध्यान, समय और स्नेह पहले जैसा चाहिए।
👉 याद रखिए,स्त्री सिर्फ़ रंगों में नहीं, रिश्तों में भी बदलाव पहचान लेती है।और अगर उसने यह कह दिया है, तो यह आपके लिए चेतावनी नहीं, बल्कि रिश्ता बचाने का मौक़ा है।
स्त्री आसानी से रंगों के दरमियान फ़र्क़ कर सकती है,
लिहाज़ा जब वो आप से कहे कि
आप बदल गए हैं
तो उससे बहस न करें..
