“पत्नी का असली धर्म”
दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय परिवार में आरव और अनन्या रहते थे। दोनों की शादी को तीन साल हुए थे। आरव एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था और अनन्या गृहिणी थी। दोनों एक-दूसरे को बहुत चाहते थे।
आरव ने कभी अनन्या को मायके जाने से नहीं रोका। जब-जब मायके में कोई कार्यक्रम होता, वह खुद उसे छोड़ने जाता। लेकिन अनन्या का परिवार आरव को कभी पसंद नहीं करता।
मायके का ताना
एक बार अनन्या अपने मायके गई। वहाँ उसके पिता ने कहा –“तेरा पति तो बस मामूली नौकरी करता है। तेरे लायक तो बड़े अफ़सर थे। तेरा तो भविष्य बर्बाद हो गया।”
अनन्या ने पहले तो मुस्कुराकर बात टाल दी। लेकिन अगले ही दिन उसकी माँ ने भी वही बात दोहराई –“बेटी, तू इतनी पढ़ी-लिखी थी, तुझसे बेहतर घर मिल सकता था। तेरे पति में न तो पैसा है न रुतबा।”
अनन्या को यह सब सुनकर बहुत चोट लगी। उसे लगा कि उसके मायके वाले उसके पति की इज़्ज़त नहीं समझते।
अनन्या का निर्णय
वह चुप नहीं रही। उसने साफ़-साफ़ जवाब दिया –“माँ-पापा, आप चाहे मुझे कुछ भी कहें, पर मेरे पति की बेज्जती मत कीजिए। वो ईमानदार हैं, मेहनती हैं और मुझसे बेइंतहा मोहब्बत करते हैं। मेरे लिए यही सबसे बड़ी दौलत है। अगर आप उन्हें अपमानित करेंगे, तो मैं यहाँ आना ही बंद कर दूँगी।”
उसके भाई ने मज़ाक उड़ाते हुए कहा –“अरे, इतना क्या बचाव कर रही है? वो तुम्हें महल में थोड़े ना बैठा रहा है।”
तब अनन्या की आँखों में आँसू आ गए। उसने दृढ़ स्वर में कहा –“मेरे लिए महल की कीमत नहीं, बल्कि मेरे पति की इज़्ज़त सबसे ऊपर है। अगर किसी को मेरी ज़िन्दगी में रहना है, तो उसे मेरे पति का सम्मान करना होगा। वरना यह रिश्ता मैं यहीं खत्म कर दूँगी। फिर चाहे वो मेरा मायका ही क्यों न हो।”
पति का गर्व
जब अनन्या घर लौटी, तो आरव ने देखा कि वह थोड़ी उदास है। उसने पूछा –“क्या हुआ? सब ठीक है?”
अनन्या ने सबकुछ बता दिया और अंत में कहा –“आरव, मैंने उन्हें साफ कह दिया है कि अगर उन्होंने तुम्हारी बेज्जती की, तो मैं वहाँ कभी नहीं जाऊँगी। तुम्हारी इज़्ज़त मेरे लिए सबसे बड़ी है।”
आरव की आँखें भर आईं। उसने अनन्या का हाथ पकड़कर कहा –“अनन्या, आज तुमने साबित कर दिया कि सच्ची पत्नी कैसी होती है। तुमने मेरा सिर गर्व से ऊँचा कर दिया।”
उस दिन से आरव और अनन्या का रिश्ता और भी गहरा हो गया। मायके वाले भी धीरे-धीरे समझ गए कि बेटी के लिए उसके पति की इज़्ज़त सबसे ऊपर है।
शिक्षा
👉 सच्ची पत्नी कभी अपने पति की बेज्जती बर्दाश्त नहीं करती।👉 अगर मायके या समाज में कोई उसके पति का अपमान करे, तो वह सबसे पहले उस रिश्ते से दूरी बना लेती है।👉 क्योंकि पत्नी का असली धर्म यही है कि वह अपने पति की इज़्ज़त और मान-सम्मान की रक्षा करे।
✨ यही वजह है कि लोग कहते हैं –“पत्नी अगर सच्ची और वफ़ादार हो, तो पति की इज़्ज़त उसकी सबसे बड़ी ढाल होती है।”
