एक भी दिन अपने से अकेला नहीं रखूंगा खूब प्यार करूंगा दुनिया की सारी खुशी दूंगाशादी की तैयारियाँ ज़ोरों पर थीं।
मेरे और निहारिका के रिश्ते की बात हमारे परिवार के किसी जान-पहचान वाले ने तय कराई थी। पहली बार जब मैंने निहारिका को देखा, तो उसकी सुंदरता और आत्मविश्वास से प्रभावित हो गया। दोनों परिवारों ने मिलकर रोका और सगाई की तारीख भी तय कर दी। सगाई के बाद, हम दोनों ने एक-दूसरे से बातें करनी शुरू कीं। ज़्यादातर बातचीत करियर, परिवार और सामान्य जीवन को लेकर होती थी। धीरे-धीरे हम दोनों एक-दूसरे को समझने लगे और रिश्ता आगे बढ़ता गया।
शादी का दिन आ गया। बारात शानदार तरीके से सजी-धजी निकली। सभी बहुत खुश थे। जयमाला के बाद हम स्टेज पर बैठे हुए थे। इसी दौरान निहारिका के कुछ दोस्तों ने उससे नॉनवेज खाने की बात छेड़ी। निहारिका हँसते हुए बोली कि वह पार्टी जरूर देगी। इस पर मैंने मजाक में कहा, "अब तो आप नॉनवेज छोड़ने वाली हैं, क्योंकि हमारे घर में यह वर्जित है।"
निहारिका ने यह सुनते ही आश्चर्य से मेरी तरफ देखा और पूछा, "क्या मतलब? मैंने ऐसा कब कहा?"
मैंने जवाब दिया, "आपके पापा और भाई ने बताया था कि आप इसे दिल से पसंद नहीं करतीं और शादी के बाद इसे छोड़ देंगी।"
निहारिका ने गुस्से से कहा, "मुझे नॉनवेज बहुत पसंद है और मैं इसे छोड़ने वाली नहीं हूँ। अगर यह आपके घर का नियम है, तो मुझे माफ करें, मैं यह शादी नहीं कर सकती।"
उसके इस जवाब से मैं चौंक गया। मैंने सोचा कि शायद यह मजाक कर रही है, लेकिन उसने अपने भाई और पिता को बुलाकर अपनी बात साफ कर दी। मामला धीरे-धीरे बड़ा हो गया। निहारिका के परिवार वाले मुझे मनाने लगे, लेकिन मैं अपनी बात पर अड़ा रहा।
मैंने सभी के सामने कहा, "जो लड़की इतने लोगों के सामने अपने परिवार की भावनाओं की परवाह किए बिना शादी तोड़ने को तैयार है, वह शादी के बाद मेरे परिवार के लिए क्या सोचेगी? मेरे बूढ़े माता-पिता के साथ उसका व्यवहार कैसा होगा? अगर मैं उसकी किसी बात को पूरा नहीं कर पाया, तो क्या वह मुझे छोड़ने में दोबारा नहीं सोचेगी?"
इस बात से मेरे परिवार और दोस्तों ने मेरा समर्थन किया। मैंने शादी रद्द कर दी और मैरेज लॉन का पूरा खर्चा भी उनके परिवार को चेक के रूप में दे दिया।
छह महीने बाद, मेरी शादी अनन्या नाम की एक समझदार और संवेदनशील लड़की से हुई। आज हमारी शादी को पाँच साल हो चुके हैं, और मैं अपनी पत्नी के साथ बहुत खुश हूँ। वहीं, निहारिका की स्थिति यह है कि वह अब भी शादी के लिए किसी को राज़ी नहीं कर पाई, क्योंकि उस दिन की घटना पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गई थी।
आज भी मैं अपने फैसले पर गर्व करता हूँ, क्योंकि एक समझदारी भरा निर्णय लेने से न केवल मेरी बल्कि मेरे परिवार की ज़िंदगी खुशहाल रही।
