कल रात पुरानी पिक्चर देखते-देखते अपुन के दिमाग में बड़ा ही हीरो टाइप आइडिया आया।
सोचा – “सुबह शर्ट का बटन तोड़ दूँगा… फिर लुगाई से बोलूँगा – सुनो बटन टूट गया है, टांक दो।
वो मुस्कुराएगी, सुई-धागा लेकर आएगी, आँखों में आँखें डालकर बटन लगाएगी… फिर गलती से सुई चुभेगी, उसकी उंगली से खून निकलेगा और अपुन हीरो बनकर झट से उसकी उंगली चूम लेगा।”
पूरा फिल्मी रोमांस सेट था रे बाबा! 🎬💘
पन हुआ उल्टा –
सुबह जैसे ही शर्ट का बटन तोड़कर बोला –
“सुनो, शर्ट का बटन टूट गया है…”
लुगाई एकदम बिना बैकग्राउंड म्यूज़िक बोली –
“दूसरी पहन लो… मुझे बहुत काम हैं।”
अपुन बोला – “नहीं, यही पहननी है…”
तो वो मुस्कुराई भी नहीं, बस झाड़ू जैसी डायलॉग मारी –
“18 साल हो गए तेरे साथ… अब तो खुद सीख ले।
तू वैसे भी मास्टर है इन कामों का… ले सुई-धागा और खुद ही टांक ले।
कल रात को जब तू पिक्चर देख रहा था, और मुस्कुरा रहा थातभी मुझे शक हो गया था कि आज तू जरूर कोई फिल्मी ड्रामा करेगा।”इतना तो जानती हूँ तुझे रे बाबा,,,,
रे बाबा! 😅
ना रोमांस, ना खून, ना हीरोइन…
बस अपुन बैठा है मास्टरजी बनकर, बटन टांक रहा है।
इतना ध्यान रखना पड़ रहा है कि सुई उंगली में न चुभ जाए,
क्योंकि अब कोई हीरोइन आकर बचाने वाली नहीं…
अपुन को ही अपुन बचाना है।
और असली क्लाइमेक्स यही –
फिल्मों में हीरोइन हीरो को बचाती है…
असली ज़िंदगी में… हीरो अपनी इज़्ज़त और उंगली दोनों खुद ही बचाता है! रे बाबा गु क्या होगा रे तेरा😂
