झुकना कमजोरी नहीं, संस्कार है”
एक छोटे शहर में विवेक नाम का युवक रहता था। पढ़ाई-लिखाई में अच्छा, नौकरी भी ठीक और सबसे बड़ी बात – उसका स्वभाव बहुत ही नम्र था। विवेक हर किसी से सम्मानपूर्वक पेश आता, चाहे वह बड़ा हो या छोटा।
लेकिन यही उसकी सबसे बड़ी पहचान कभी-कभी लोगों के लिए मज़ाक बन जाती।
गलतफहमी
ऑफिस में विवेक की आदत थी कि वह सभी को “जी” लगाकर बुलाता और बात करते समय थोड़ा झुककर बोलता।कुछ सहकर्मी अक्सर कहते –“अरे, तू इतना क्यों झुकता है? डरता है क्या?”“लगता है, बॉस की चमचागिरी करता है!”
यह बातें विवेक को चुभतीं, लेकिन वह मुस्कुराकर चुप रह जाता।
शादी के बाद का नया अनुभव
कुछ साल बाद विवेक की शादी अनुष्का से हुई। अनुष्का आधुनिक ख्यालों वाली, निडर और थोड़ी तेज़-तर्रार थी।शादी के शुरुआती दिनों में उसने देखा कि विवेक हर जगह झुककर, मीठे स्वभाव से पेश आता है—
सास-ससुर के पैर छूता,
पड़ोसियों को नमस्ते करता,
ऑफिस में चपरासी तक से सम्मानजनक भाषा बोलता।
अनुष्का को यह देखकर हैरानी हुई। एक दिन उसने ताना मारा –“विवेक, तुम हर किसी के आगे क्यों झुकते हो? इससे लोग तुम्हें कमजोर और दब्बू समझेंगे।”
विवेक का जवाब
उस दिन विवेक ने शांत स्वर में कहा –“अनुष्का, यह झुकना डर से नहीं है और न ही किसी की गुलामी है। यह तो मेरे संस्कार हैं। मेरी माँ ने मुझे सिखाया है कि किसी को सम्मान देना हमें छोटा नहीं करता, बल्कि और बड़ा बना देता है। अगर मेरे झुकने से किसी के दिल में मेरे लिए अपनापन पैदा होता है, तो इसमें बुराई क्या है?”
अनुष्का चुप हो गई। यह पहली बार था, जब उसने विवेक की सोच को गहराई से समझा।
माँ की शिक्षा
कुछ दिनों बाद अनुष्का अपनी सास से मिली। सास ने मुस्कुराते हुए कहा –“बेटा, विवेक बचपन से ही ऐसा है। जब भी गलती करता था और डाँट पड़ती थी, तो झगड़ने की बजाय हाथ जोड़कर माफी मांग लेता था। मैंने हमेशा यही सिखाया कि बेटा, दूसरों के आगे झुकना हारना नहीं होता, बल्कि यह दिखाता है कि तुम्हारी परवरिश अच्छी है।”
यह सुनकर अनुष्का की आँखों में आँसू आ गए। अब उसे समझ आ गया था कि विवेक की यह आदत उसकी कमजोरी नहीं, बल्कि उसकी सबसे बड़ी ताक़त है।
समाज का बदलाव
धीरे-धीरे ऑफिस में भी सबको एहसास होने लगा कि विवेक का विनम्र स्वभाव ही उसकी असली पहचान है।लोग जो पहले उसका मज़ाक उड़ाते थे, वही अब कहते –“विवेक जैसा लड़का ही असली इंसान है। सम्मान देकर जीना किसी हर किसी के बस की बात नहीं।”
शिक्षा
👉 अगर कोई मर्द आपके सामने झुकता है, तो यह उसकी कमजोरी या डर नहीं है।👉 यह इस बात का सबूत है कि उसकी परवरिश एक अच्छी माँ ने की है, जिसने उसे सम्मान, संस्कार और इंसानियत सिखाई है।👉 झुकना हारना नहीं, बल्कि रिश्तों को जीतना है।
✨ इसलिए याद रखिए –“सम्मान देकर कभी कोई छोटा नहीं होता, बल्कि यही इंसान को सबसे ऊँचा बना देता है।”
अगर कोई मर्द आपके सामने
झुक रहा है !!!!!
तो इसका मतलब ये नहीं की
वो आपकी ग़ुलामी कर रहा है
या फिर आपसे डर रहा है !!!!!
बल्कि वो ये साबित कर रहा है
की उसकी परवरिश एक अच्छी
माँ ने की है !!!!!!!
