प्रेम सम्पूर्ण समर्पण है पुरषों के ह्रदय का.|यहाँ एक ही स्त्री में पूरी दुनियाँ देखी जाती है..||
- ELA
- May 24
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जब एक पुरुष सच्चे दिल से प्रेम करता है, तो वह केवल आकर्षण या आदत नहीं होती — वह होता है सम्पूर्ण समर्पण। उसका प्रेम आधा अधूरा नहीं होता, वह अपने ह्रदय की गहराई से उस एक स्त्री को ही अपना संसार मान लेता है। उसके लिए वही स्त्री प्रेमिका होती है, दोस्त होती है, हमसफ़र होती है और जीवन का हर रंग होती है। वह उसके चेहरे पर मुस्कान देखकर अपना दिन संवार लेता है, और उसकी आँखों में आंसू देख अपना सब कुछ खोया-सा महसूस करता है। प्रेम में डूबा पुरुष उस एक स्त्री में ही अपना वर्तमान, भविष्य और पूरी दुनिया देख लेता है — और उसे छोड़कर बाकी सब धुंधला हो जाता है। यही होती है उसकी सच्ची मोहब्बत — एक स्त्री में समाया पूरा ब्रह्मांड।
प्रेम सम्पूर्ण समर्पण है पुरषों के ह्रदय का.|
यहाँ एक ही स्त्री में पूरी दुनियाँ देखी जाती है..||

Love is the complete surrender of the heart of a man. Here the whole world is seen in a single woman.
"प्रेम सम्पूर्ण समर्पण है पुरुषों के ह्रदय का...❣यहाँ एक ही स्त्री में पूरी दुनिया देखी जाती है...❣❣"
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