जिस बदन में मोहब्बत बसती हो.❣वहाँ इत्र की क्या औकात..❣❣
- ELA
- May 21
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जब किसी के शरीर में सच्ची मोहब्बत समा जाए, तो उसकी मौजूदगी में कोई बाहरी महक, कोई इत्र या परफ्यूम बस खो जाता है। मोहब्बत की खुशबू वह होती है, जो सिर्फ महसूस की जा सकती है, और वह किसी भी इत्र से कहीं ज्यादा गहरी, सच्ची और असरदार होती है। मोहब्बत के बदन में बसी खुशबू किसी भी महंगे इत्र से नहीं, बल्कि उस रिश्ते की खामोशी, उस देखभाल, और उस अजनबी से लगाव से आती है। जब एक इंसान पूरी तरह से दिल और आत्मा से किसी को अपना मानता है, तो उसकी मौजूदगी ही सबसे सुगंधित और आकर्षक होती है। इस प्रेम में ऐसा जादू होता है, जो बाहरी खुशबू की तुलना में कहीं अधिक स्थायी और सशक्त होता है।
जिस बदन में मोहब्बत बसती हो.❣
वहाँ इत्र की क्या औकात..❣❣

The body where love resides.❣
What is the status of perfume there..❣❣
"जिस बदन में मोहब्बत बसती हो...❣वहाँ इत्र की क्या औकात...❣❣"
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