इतनी आसान नहीं है जिंदगी हमारी.आकाश मौर्या
- ELA
- Jun 11
- 2 min read
"इतनी आसान नहीं है ज़िंदगी हमारी, जितनी तुम्हें मेरी तस्वीर में लगती है..."इस पंक्ति में वो गहराई छुपी है जिसे हर मुस्कुराते चेहरे के पीछे छुपे दर्द से जोड़ा जा सकता है। तस्वीरें सिर्फ हमारी बाहरी चमक दिखाती हैं, वो जज़्बात नहीं जो अंदर रोज़ टूटते और फिर खुद को समेटकर खड़े हो जाते हैं। हर मुस्कान के पीछे अधूरी रातें, संघर्ष की कहानियाँ और अनकहे ज़ख़्म होते हैं। लोग सोशल मीडिया पर हमारी तस्वीरों को देख कर सोचते हैं कि हमारी ज़िंदगी तो बहुत खुशहाल है, लेकिन उन्हें क्या पता कि हर तस्वीर के पीछे एक पूरा संघर्ष छुपा होता है, जो हम दिखाना नहीं चाहते। ज़िंदगी की असली कहानी तस्वीरों से नहीं, तजुर्बों से समझी जाती है।
इतनी आसान नहीं है जिंदगी हमारी.।
जितनी तुम्हें मेरी तस्वीर में लगती है..।।
Our life is not as easy as it appears to you in my photo.

इतनी आसान नहीं है जिंदगी हमारी.।
जितनी तुम्हें मेरी तस्वीर में लगती है..।।
"तस्वीरों में जो मुस्कान दिखती है, वो हर जख्म को छुपाकर आती है।"
"चेहरे की हँसी को मत समझना सुकून, कई दर्द दिल में दफन होते हैं।"
"तस्वीरें तो लम्हों को सजाती हैं, पर हकीकत ज़िंदगी की ठोकरों से बनती है।"
"जो बाहर से मजबूत दिखते हैं, वही अंदर सबसे ज़्यादा टूटे होते हैं।"
"मेरी फोटो पर मत जाना, असली कहानी तो मेरी खामोशी कहती है।"
"मेरे मुस्कुराते चेहरे के पीछे की थकान तुम नहीं समझ सकते।"
"तस्वीरें अक्सर झूठ बोलती हैं, ज़िंदगी की सच्चाई आँखों में छुपी होती है।"
"जो दिखता है वो सब कुछ नहीं होता, मेरी तस्वीर के पीछे की कहानी किसी ने नहीं सुनी।"
"हर चमकते चेहरे के पीछे एक अधूरी रात होती है।"
"इतनी आसान नहीं है ये ज़िंदगी जनाब, जितनी आपको मेरे प्रोफाइल की फोटो में लगती है।"
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