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किसी व्यक्ति की कीमत उसकी इज़्ज़त पर नहीं.|उसके किरदार पर होती है..||

  • Writer: ELA
    ELA
  • Jun 7
  • 1 min read

इज़्ज़त तो लोग हालातों से बना लेते हैं —पद, पैसे और पहचान से।लेकिन किरदार,वो तो अंदर से निखरता है —सच्चाई, ईमानदारी और व्यवहार से।

कोई कितना बड़ा दिखता है,इससे ज़्यादा ज़रूरी है कि वो कितना सच्चा इंसान है।

किरदार वो आईना है,जो वक्त आने पर असली चेहरा दिखाता है।इज़्ज़त मिल सकती है,पर किरदार कमाया जाता है।

इसलिए हमेशा इस कोशिश में रहो कि लोग तुम्हें इज़्ज़त से नहीं,किरदार से याद रखें।


किसी व्यक्ति की कीमत उसकी इज़्ज़त पर नहीं.|उसके किरदार पर होती है..||

The value of a person does not depend on his respect but on his character.

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  1. इज़्ज़त तो वक्त और हालात से मिलती है, लेकिन किरदार इंसान खुद बनाता है।

  2. जिसका किरदार मजबूत हो, उसकी इज़्ज़त खुद-ब-खुद हो जाती है।

  3. दुनिया नाम से नहीं, किरदार से पहचानती है।

  4. इज़्ज़त खरीदी जा सकती है, पर किरदार कमाया जाता है।

  5. शब्दों से नहीं, चरित्र से मापो इंसान की कीमत।

  6. जो इज़्ज़त के पीछे भागे, वो खो सकते हैं; पर जो किरदार बनाए, वो सदा सम्मानित रहते हैं।

  7. किरदार उजला हो तो इज़्ज़त भी छाया बनकर साथ चलती है।

  8. इज़्ज़त एक भ्रम हो सकती है, लेकिन किरदार कभी झूठ नहीं बोलता।



The value of a person does not depend on his respect but on his character.

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