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Word-Play वाले लोग कैसे होते हैं

“Word-Play वाले लोग कैसे होते हैं, महिलाएँ कैसे फँसती हैं, और वे शिकार कैसे बनाते हैं?”

मानवीय संबंधों की दुनिया में “शब्दों का जादू करने वाले लोग” यानि वे लोग जो बातचीत को हथियार बनाकर भावनाओं को नियंत्रित करते हैं हमेशा से मौजूद रहे हैं। ये लोग दिखने में आकर्षक, समझदार और भावनात्मक रूप से उपलब्ध लगते हैं, पर भीतर से वे संबंधों को अपने फायदे, नियंत्रण या असुरक्षा छुपाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

महिलाएँ या कोई भी संवेदनशील व्यक्ति अक्सर इन लोगों के शब्दों के जाल में अनजाने में फँस जाते हैं।

1. Word-play वाले लोग कौन होते हैं? उनके मनोवैज्ञानिक गुण

(1) भावनात्मक बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल लेकिन सकारात्मक नहीं, चालाकी से

वे दूसरों की भावनाओं को बारीकी से पढ़ते हैं

महिलाओं के यौन जीवन और संपूर्ण स्वास्थ्य पर उसका प्रभाव"

महिलाओं का यौन जीवन समाज में लंबे समय तक उपेक्षित या संकोच का विषय रहा है, जबकि यह जीवन के एक बेहद स्वाभाविक और महत्वपूर्ण पहलू से जुड़ा हुआ है। आधुनिक शोध और चिकित्सा विज्ञान यह स्पष्ट कर चुके हैं कि एक स्वस्थ और संतुलित यौन जीवन न केवल महिला की शारीरिक सेहत को लाभ पहुंचाता है, बल्कि मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक स्तर पर भी उसकी भलाई में योगदान देता है।

1. शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

● हार्मोनल संतुलन और ब्रेन केमिस्ट्री:

यौन गतिविधि के दौरान शरीर में ऑक्सीटोसिन, एंडोर्फ़िन्स, डोपामिन और सेरोटोनिन जैसे रसायनों का स्राव होता है। ये हार्मोन मानसिक शांति, सुकून, और खुशी की अनुभूति कराते हैं।

यह हार्मोनल बदलाव महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य और दिन-प्रतिदिन के मूड को स्थिर रखने में मदद करता है।

● प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम) में सुधार:

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“आलिंगन — शब्दों से परे एक भाषा”

शाम का समय था। आसमान पर हल्की धूप की परत धीरे-धीरे ढल रही थी। अस्पताल के उस छोटे से कमरे में, एक माँ अपनी बेटी के सिर पर हाथ फेर रही थी। मशीनों की बीपिंग आवाज़ उस सन्नाटे को तोड़ रही थी जो कई दिनों से उस कमरे में पसरा हुआ था। बेटी की आँखें बंद थीं, लेकिन साँसें चल रही थीं — बहुत धीमी, बहुत नाज़ुक।

माँ की आँखों में नींद नहीं थी, बस थकान थी, और भीतर कहीं उम्मीद की आखिरी लौ जल रही थी। डॉक्टर ने कह दिया था — "अब दवाओं से ज़्यादा, उसे आपके स्नेह की ज़रूरत है।"

उस दिन माँ ने कुछ अलग किया। उसने बेटी के माथे को चूमा, उसकी हथेली थामी और फिर धीरे से उसे अपनी बाँहों में भर लिया। वह आलिंगन शब्दों से परे था — न कोई संवाद, न कोई आँसू, बस एक मौन स्पर्श।

और उसी पल, कुछ…


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सुंदर स्त्री

सुंदर स्त्री आभूषणों से मुक्त हो जाती है;

कुरूप स्त्री कभी भी

आभूषणों से मुक्त नहीं हो सकती।

सुंदर स्त्री सरल हो जाती है;

कुरूप स्त्री कभी भी नहीं हो सकती।

क्योंकि उसे पता है,

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