प्रेम में जब चूमे जाते हैं एक स्त्री के अधर तब वह प्रेमिका हो जाती है.❣माथा चूमते ही बन जाती है वह किसी की व्याहता.❣
- ELA
- May 22
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यह सच है कि एक स्त्री के प्रति किसी पुरुष का व्यवहार उसके नज़दीकी रिश्ते को परिभाषित करता है। जब वह स्त्री के अधरों को चूमता है, तो वह केवल प्रेमिका नहीं बनती, बल्कि वह उसके दिल की सबसे करीब होती है। जब वह स्त्री का माथा चूमता है, तो वह उसका सम्मान और आदर व्यक्त करता है, और वह उसी स्त्री को अपनी पत्नी मानता है। लेकिन जब वह उसके पैरों को चूमता है, तो वह उसकी पूजा करने की भावना, उसकी देवी के रूप में श्रद्धा को प्रकट करता है। यह यात्रा, अधरों से पैरों तक, किसी पुरुष की भावना और उसके सम्मान की गहरी परख होती है। यहाँ तक कि वही पुरुष, जो स्त्री को इन विभिन्न रूपों में देखता और सम्मानित करता है, वही असली प्रेम और सच्ची श्रद्धा की परिभाषा को जानता है।
प्रेम में जब चूमे जाते हैं एक स्त्री के अधर
तब वह प्रेमिका हो जाती है.❣
माथा चूमते ही बन जाती है वह किसी की व्याहता.❣
और पैर चूमते ही उत्थापित हो
कहलाती है देवी.❣
अधरों से पैरों तक के सफर में ही परख लिए जाते हैं ज्यादातर पुरुष..❣❣

When a woman's lips are kissed in love
Then she becomes a lover.❣
When her forehead is kissed, she becomes someone's wife.❣
And when her feet are kissed, she is elevated
And is called a goddess.❣
Most men are tested in the journey from lips to feet..❣❣
"प्रेम में जब चूमे जाते हैं एक स्त्री के अधर...❣तब वह प्रेमिका हो जाती है.❣माथा चूमते ही बन जाती है वह किसी की व्याहता...❣और पैर चूमते ही उत्थापित होकहलाती है देवी...❣अधरों से पैरों तक के सफर में ही परख लिए जाते हैं ज्यादातर पुरुष...❣❣"
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