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प्यार, इश्क़, मोहब्बत, वादे सब ख़त्म हो जाते हैं.|जब माँ कहती है "मुझे यक़ीन है..||मेरी बेटी मेरा मान नहीं तोड़ेगी...||

  • Writer: ELA
    ELA
  • May 28
  • 1 min read

उस एक वाक्य में जितनी उम्मीद, भरोसा और भावनाएँ होती हैं, उतनी पूरी दुनिया के सारे रिश्तों में नहीं होतीं। जब माँ अपनी बेटी पर विश्वास जताती है, तो वो सिर्फ शब्द नहीं होते — वो उसकी पूरी परवरिश, संस्कार और अपने अस्तित्व का प्रतिबिंब होते हैं। उस पल में हर इश्क़, हर ख्वाब, हर कस्में-वादे बौने लगने लगते हैं, क्योंकि माँ के भरोसे को तोड़ना खुद को खो देने जैसा होता है। माँ का यह विश्वास बेटी के दिल में एक मौन व्रत जैसा बस जाता है, जो उसे सही राह पर बनाए रखता है, चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों न हों। उस यक़ीन को निभाने की ताकत ही बेटी की असली जीत होती है।



प्यार, इश्क़, मोहब्बत, वादे सब ख़त्म हो जाते हैं.|

जब माँ कहती है "मुझे यक़ीन है..||

मेरी बेटी मेरा मान नहीं तोड़ेगी...||




Love, romance, affection, promises all end.||When mother says "I am sure..||My daughter will not break my pride...||



"प्यार, इश्क़, मोहब्बत, वादे सब ख़त्म हो जाते हैं...❣जब माँ कहती है — 'मुझे यक़ीन है... मेरी बेटी मेरा मान नहीं तोड़ेगी'...❣❣"

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