त्याग और तपस्या से ही प्रेम का अर्थ है, बिना प्रेम और समर्पण के सबकुछ व्यर्थ है ..!!ELA2 सित॰ 20221 मिनट पठन5 स्टार में से NaN रेटिंग दी गई।त्याग और तपस्या से ही प्रेम का अर्थ है, बिना प्रेम और समर्पण के सबकुछ व्यर्थ है ..!!
हार-जीत क्या होता है मुझे नहीं पता जिस बंदे में दम है वो फिर से ज़ीरो से शुरुआत करने की ताकत रखता है।
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