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Durga Chalisa (दुर्गा चालीसा) Lyrics
Topic Cover :-
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10) दुर्गा चालीसा
11) दुर्गा चालीसा लिखित रुप में
12) Durga Chalisa Paath
13) Durga Chalisha Lyrics Bhajan: Shree Durga Chalisa
Singer: Anuradha Paudwal
Music Director: Bhushan Dua
Lyrics: Traditional
Album: Shree Durga Chalisa
Music Label: T-Series
नमो नमो दुर्गे सुख करनी
नमो नमो अम्बे दुःख हरनी
निरंकार है ज्योति तुम्हारी
तिहूं लोक फैली उजियारी
शशि ललाट मुख महाविशाला
नेत्र लाल भृकुटि विकराला
रूप मातु को अधिक सुहावे
दरश करत जन अति सुख पावे
तुम संसार शक्ति लै कीना
पालन हेतु अन्न धन दीना
अन्नपूर्णा हुई जग पाला
तुम ही आदि सुन्दरी बाला
प्रलयकाल सब नाशन हारी
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें
रूप सरस्वती को तुम धारा
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा
परगट भई फाड़कर खम्बा
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं
श्री नारायण अंग समाही
क्षीरसिन्धु में करत विलासा
दयासिन्धु दीजै मन आसा
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी
महिमा अमित न जात बखानी
मातंगी धूमावति माता
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता
श्री भैरव तारा जग तारिणी
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी
केहरि वाहन सोह भवानी
लांगुर वीर चलत अगवानी
कर में खप्पर खड्ग विराजै
जाको देख काल डर भाजै
सोहै अस्त्र और त्रिशूला
जाते उठत शत्रु हिय शूला
नगरकोट में तुम्हीं विराजत
तिहुंलोक में डंका बाजत
शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे
रक्तबीज शंखन संहारे
महिषासुर नृप अति अभिमानी
जेहि अघ भार मही अकुलानी
रूप कराल कालिका धारा
सेन सहित तुम तिहि संहारा
पड़ी भीड़ संतन पर जब जब
भई सहाय मातु तुम तब तब
अमरपुरी अरु बासव लोका
तब महिमा सब कहें अशोका
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी
तुम्हें सदा पूजें नर-नारी
प्रेम भक्ति से जो यश गावें
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई
जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी
शंकर आचारज तप कीनो
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको
शक्ति रूप का मरम न पायो
शक्ति गई तब मन पछितायो
शरणागत हुई कीर्ति बखानी
जय जय जय जगदम्ब भवानी
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा
मोको मातु कष्ट अति घेरो
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो
आशा तृष्णा निपट सतावें
रिपू मुरख मौही डरपावे
शत्रु नाश कीजै महारानी
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी
करो कृपा हे मातु दयाला
ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला
जब लगि जिऊं दया फल पाऊं
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं
दुर्गा चालीसा जो गावै
सब सुख भोग परमपद पावै
देवीदास शरण निज जानी
करहु कृपा जगदम्ब भवानी
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